श्री जिनदेव को करके वंदन, जिनवानी को मन में ध्याय ।काम असम्भव कर दे सम्भव, समदर्शी सम्भव जिनराय ।।जगतपूज्य श्री […]
श्री आदिनाथ को शिश नवा कर, माता सरस्वती को ध्याय । शुरू करूँ श्री अजितनाथ का, चालीसास्व – सुखदाय ।। […]
उत्तम क्षमा अदि दस धर्म,प्रगटे मूर्तिमान श्रीधर्म ।जग से हरण करे सन अधर्म, शाश्वत सुख दे प्रभु धर्म ।। नगर […]
वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्।रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं। वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न॥ भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं, दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम् […]
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।। प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।। लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।सप्तमं […]
जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावित स्थलेगलेऽव लम्ब्य लम्बिताम भुजंग तुंग मालिकाम् |डमड्ड मड्ड मड्ड मन्नी नाद वड्ड मर्वयमचकार चंडतांडवम तनोतु नः […]
अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम।अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।1।। मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि।माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा […]
॥ (पैङ्गनाडु) गणपतिशास्त्रिकृतम् ॥ सत्स्वन्येष्वपि दैवतेषु बहुषु प्रायो जना भूतलेयामेकां जननीति सन्ततममी जल्पन्ति तादृग्विधा ।भक्तस्तोमभयप्रणाशनचणा भव्याय दीव्यत्वसौदेवी स्फोटविपाटनैकचतुरा माता महामायिका […]
जय जय भगीरथ नंदिनी, मुनि चय चकोर – चंदनी,नर – नाग- विबुध- बंदिनी जय जह्नु बालिका।विष्णुपद सरोजजासी, ईस-सीस पर बिभासि,त्रिपथगासि, […]
ॐ नमः शिवाय श्री गिरिजापति बंदि कर, चरण मध्य शिर नाय।कहत गीता राधे तुम, मो पर हो सहाय ॥ नंदी […]