॥ दोहा ॥ जय जय कैला मात हे तुम्हे नमाउ माथ ॥शरण पडूं में चरण में जोडूं दोनों हाथ ॥ […]
॥ दोहा॥ श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद ।श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चौपाई छंद । ॥ चौपाई ॥ […]
॥ दोहा॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धामकाली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम। ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी,कलि […]
॥ दोहा ॥ सुमिरन कामाख्या करुँ, सकल सिद्धि की खानि ।होइ प्रसन्न सत करहु माँ, जो मैं कहौं बखानि ॥ […]
॥ दोहा ॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान ।श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥ ॥ चौपाई […]
॥ दोहा ॥ आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनंवैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणंबाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्पश्चद्रावनं […]
॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम, राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥कीरति गाथा […]
शीश नवा अरिहन्त को, सिद्धन करूँ प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम। सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार। […]
दोहा – पार्श्वनाथ भगवान को मन मंदिर में ध्याय | लिखने का साहस करूं चालीसा सुखदाय ||!|| उन प्रभुवर श्री […]
॥ दोहा ॥ श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ […]