सूंदर भवन बणा कै मात मेरी बैठी आसान ला कै…. मात मेरी की शेर सवारी,वा दुर्गा रूप बणा के मात […]
हे मात गंगे तेरी महिमा बड़ी न्यारी है,शंकर की प्यारी है गोरा की दुलारी हैभजे मन हर हर मेरा,भजो हर […]
पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका, संग भेरू ने लाइ हे,आगे आगे कालो खेले, पाछे भेरू गोरो हे ओ जी,पांवा गढ़ […]
हाथ जोड़ ने अर्ज करू सुन मावड़ी,चामुंडा महारानी मांरी आज तिरा दे नावदीमां आज तिरा दे नावदी ……..भव सागर रो […]
थारी महिमा अपरम्पार,दुर्ग आयो थारे द्वार,थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,ओ नवदुर्गा माँ,थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,ओ […]
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ ।हे दरबारा वाली आरती […]
ऊँचा है भवन ऊँचा मंदिर ऊँची है शान मैया तेरी चरणों में झुके बादल भी तेरे पर्वत पे लगे शैया […]
देवां में देवी बड़ी, और बड़ी अरासुरी माय,लज्जा मोरी राखियो, कीज्यो म्हारी सहाय,कीज्यो म्हारी सहाय, मैया शरण में आयो थारी,जगदम्बे […]
॥ दोहा ॥ सिंह चढी देवी मिले,गरूड़ चढे भगवान ।बैल चढ़े शंकर मिले,पूरण सिद्ध हो काम ॥ ठुमक ठुमक कर […]