हाथ जोड़ ने अर्ज करू सुन मावड़ी,
चामुंडा महारानी मांरी आज तिरा दे नावदी
मां आज तिरा दे नावदी ……..
भव सागर रो पार नहीं है पवन जकोला खावे है ।
डूबत मारी आज नावदी तुम बिन कौन तिरवे रे
आव आव तू आंबे वेगि अवारी चामुण्डे महारानी ….
मां आज तिरा दे नावदी …
चलसुरी ने वश मे कीनो ऊपर किनी असवारी
बलसू मारियो देतीय मावड़ी मोठी थारी बलिहारी
थारी माया रो नहीं है कोई पार् रे चामुण्डे महारानी ..
मां आज तिरा दे नावदी …
तू ही लक्ष्मी,तू ही गोरी, तू ही आंबे आरासुर वली,
तू ही कली तू माँ ज्वाला तू ही पावागड वाली माँ
तीनो लोक माई जागे थारी जोत रे चामुण्डे महारानी ..
मां आज तिरा दे नावदी …
नवरात्रि मैं नव दुर्गा रो जो कोई ध्यान लगावे रे
रक्षा कर्ता रहे भवानी बढ़ो पर लगावे ,
चरण आयो री लाखो लाज रे चामुण्डे महारानी ..
मां आज तिरा दे नावदी …