सीता माता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं। सीता माता की माता का नाम सुनैना था। श्री राम जी की धर्मपत्नी थी। माता सीता माता सीता को माँ लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है। उन्हें जानकी के नाम से भी जाना जाता है। जयंती के दिन माता सीता की विशेष पूजा की जाती है। पूजा के बाद सीता माता की आरती की जाती है।
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
सती श्रोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
विमल कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पवन मति आई,
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥