शैलपुत्री मां बैल असवार ।
करें देवता जय जयकार ॥
शिव शंकर की प्रिय भवानी ।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी ॥
पार्वती तू उमा कहलावे ।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे ॥
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू ।
दया करे धनवान करे तू ॥
सोमवार को शिव संग प्यारी ।
आरती तेरी जिसने उतारी ॥
उसकी सगरी आस पुजा दो ।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो ॥
घी का सुंदर दीप जला के ।
गोला गरी का भोग लगा के ॥
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं ।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं ॥
जय गिरिराज किशोरी अंबे ।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे ॥
मनोकामना पूर्ण कर दो ।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो ॥