Saraswati

Saraswati Mata ki Aarti – सरस्वती माता की आरती


बंसत पंचमी को देवी सरस्वती पूजा-अर्चना की जाती है हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का बहुत महत्व है। विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा -आरती करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बसंत पंचमी पर पीले वस्त्र धारण करने की परंपरा भी कई वर्षों से चली आ रही है। मां सरस्वती को विद्या की देवी भी कहा जाता है।


जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता…॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
॥ जय सरस्वती माता…॥

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥

॥ जय सरस्वती माता…॥

देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
॥ जय सरस्वती माता…॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥

॥ जय सरस्वती माता…॥

धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥

॥ जय सरस्वती माता…॥

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे॥

॥ जय सरस्वती माता…॥

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

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