श्रीकृष्ण भगवान ने वीर बर्बरीक के बलिदान से प्रसन्न होकर उन्हें वर दिया था कि तुम कलयुग में श्याम के नाम से जाने जाओगे भक्त श्री खाटू श्याम जी की आरती करते हुए उनके सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।भगवान खाटू श्याम जी की आरती का पाठ करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। भगवान कृष्ण ने वरदान देते हुए वीर बर्बरीक कहा था आपके नाम के जप से ही भक्तों के कष्ट दूर होंगे।
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे ॥ ॐ जय श्री श्याम …
रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम …
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥ ॐ जय श्री श्याम …
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥ ॐ जय श्री श्याम …
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥ ॐ जय श्री श्याम …
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥ ॐ जय श्री श्याम …
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे ।
कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय श्री श्याम …
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥ ॐ जय श्री श्याम …