धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग गिरे, वहां एक शक्तिपीठ का जन्म हुआ। शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ कैलादेवी है। नवरात्रों में माँ कैला माता की आरती का विशेष महत्व है ।
ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी ।
ज्योति अखंड दिये माँ, तुम सब जगजानी ॥
तुम हो शक्ति भवानी, मन वांछित फल दाता…।
अद्भुत रूप अलौकिक, सदानन्द माता ॥
ॐ जय कैला रानी…
गिरि त्रिकूट पर आप, बिराजी चामुंडा संगा…।
भक्तन पाप नसावौं, बन पावन गंगा ॥
ॐ जय कैला रानी…
भक्त बहोरा द्वारे रहता, करता अगवानी…।
लाल ध्वजा नभ चूमत, राजेश्वर रानी ॥
ॐ जय कैला रानी…
नौबत बजे भवन में, शंक नाद भारी…।
जोगन गावत नाचत, दे दे कर तारी ॥
ॐ जय कैला रानी…
ध्वजा नारियल रोली, पान सुपारी साथा…।
लेकर पड़े प्रेम से, जो जन यहाँ आता ॥
ॐ जय कैला रानी…
दर्श पार्श कर माँ के, मुक्ती जान पाता…।
भक्त सरन है तेरी, रख अपने साथा ॥
ॐ जय कैला रानी…
कैला जी की आरती, जो जन है गाता…।
भक्त कहे भव सागर, पार उतर जाता ॥
ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी ।
ज्योति अखंड दिये माँ, तुम सब जगजानी ॥
॥ इति श्री कैला देवी आरती संपूर्णम् ॥