Jitiya Aarti –  जितिया व्रत की आरती


जितिया या जिवितपुत्रिका व्रत आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं और माताएं संतान प्राप्ति के लिए जितिया व्रत रखती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। पूजा के बाद जितिया आरती करना आवश्यक समझा जाता है। जितिया पूजा के बाद अगर आरती नहीं की जाती है तो पूजा अधूरी रह जाती है और पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है।


॥ओम जय कश्यप॥

दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥

॥ओम जय कश्यप॥

सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

॥ओम जय कश्यप॥

सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।

विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥

॥ओम जय कश्यप॥

कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥

॥ओम जय कश्यप॥

नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।

॥ओम जय कश्यप॥

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥

॥ओम जय कश्यप॥

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