Hinglaj Mata Ki Aarti- हिंगलाज माता की आरती


माना जाता है कि रावण का वध कर ब्रह्मा को मारने के पाप से मुक्ति मोक्ष के लिए भगवान राम ने माता हिंगलाज के दर्शन भी किए थे। नवरात्रि के नौ दिनों में माता हिंगलाज दरबार में पाकिस्तान के साथ ही कई भक्त भारत से भी पहुंचते हैं। हिंगलाज माता प्रमुख शक्तिपीठ है। हिंगलाज माता की आरती करने से मनोरथ सिद्धि होता है।


ॐ जय हिंगलाज माता, मैया जय हिंगलाज माता ।
जो नर तुमको ध्याता, वांछित फल पाता ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

हीरा पन्ना मंडित, शीश मुकुट सोहे ।
भाल सिन्दुरी टीका, भक्तन मन मोहे ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

कर्णफूल अति उज्जवल, झिलमिल सा चमके ।
गजमोतिन की माला, कण्डन पर दमके ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

स्वर्ण मेखला कटि में, रत्नजड़ित लोभे ।
रक्तांबर मणि मण्डित, अगन पर शोभे ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

हाथ त्रिशूल विराजे, चक्र खड़गधारी ।
धनुष बाण औ ज्वाला, धारे महतारी ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

राजहंस तव वाहन, श्वेतासन राजे ।
सिंहासन वृषभासन, माता को साजे ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

खड़े भीमलोचन है, भैरव तव हारे ।
शक्ति कोटरी तेरी, शक्ति पीठ तारे ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

क्षेत्र हिंगला ज्याला, मुख सा है तेरा ।
ब्रह्मरंध्र से प्रकटी, महातीर्थ तेरा ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

क्षत्रिय कुल की रक्षक, सबकी है माता ।
नर – नारी ओर साधु, अभय सदा पाता ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

कनक पात्र में शोभित, अगर कपूर बाती ।
आरती हम सब गावत, और तुम हो वरदात्री ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

माँ हिंगलाज की आरती, हम सब मिल गावें ।
तन मन धन सुख सम्पति, इच्छा फल पायें ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…
ॐ जय हिंगलाज माता, मैया जय हिंगलाज माता ।
जो नर तुमको ध्याता, वांछित फल पाता ॥
ॐ जय हिंगलाज माता…

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