थारी महिमा अपरम्पार,
दुर्ग आयो थारे द्वार,
थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,
ओ नवदुर्गा माँ,
थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,
ओ नवदुर्गा माँ।।
घट घट री जाणो म्हारी मैया,
थारा सु नही छानी,
घट घट री जाणो म्हारी माता,
थारा सु नही छानी,
शिव शंकर ने नाच नचायो,
तू बन गई भीलरानी,
शिव शंकर ने नाच नचायो,
तू बन गई भीलरानी,
थे तो नटवर नाच नचायो,
म्हारी अम्बे माँ ओ नवदुर्गा माँ।।
लंकापति की बुद्धि हरी वो,
सीता रूप बनायो,
लंकापति की बुद्धि हरी वो,
सीता रूप बनायो,
रामचंद्र के हाथो मैया,
तूने युद्ध करायो,
रामचंद्र के हाथों मैया,
तूने युद्ध करायो,
तू ने रावण वद करायो,
म्हारी अम्बे माँ ओ नवदुर्गा माँ।।
कौरवो ने करी अनीति,
द्रोपदी रूप बनायो,
कौरवों ने करी अनीति,
द्रोपदी रूप बनायो,
कृष्ण चंद्र संग पाँचों पांडव,
एसो चक्र चलायो,
कृष्णचंद्र संग पाँचो पांडव,
एसो चक्र चलायो,
थेतो महाभारत करवायो,
म्हारी अम्बे माँ ओ नवदुर्गा माँ।।