मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में
मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में
काकड में रे कान्हा रे काकड में ।।
आपा गाया चरासा दिनभर साथ गोकुल का काकड में
आपा गाया चरासा दिनभर साथ गोकुल का काकड में
काकड में रे कान्हा रे काकड में कान्हा रे काकड
मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में।।
तने माखनियो खिलासू म्हारा ख़ान जिमासू म्हारा हाथ में
तने माखनियो खिलासू म्हारा ख़ान जिमासू म्हारा हाथ में
हाथा में रे कान्हा हाथा में रे कान्हा हाथा में
मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में।।
थारी मुरली पे लिख़ाले म्हारो नाम चिपकाले थारे होटा सू
थारी मुरली पे लिख़ाले म्हारो नाम चिपकाले थारे होटा सू
होटा सू रे कान्हा होटा सू रे कान्हा होटा सू
मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में।।
थारा दिलडा में बसाले नंदलाल नखराली थारी राधा ने
थारा दिलडा में बसाले नंदलाल नखराली थारी राधा ने
राधा ने रे कान्हा राधा ने रे कान्हा राधा ने
मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में।।
गावे र्क के स्टूडियो के माही बनवारी थाने भजन में
गावे र्क के स्टूडियो के माही बनवारी थाने भजन में
भजन में रे कान्हा भजन में रे कान्हा भजन में
मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में।।